हज़रत गंगोही रह० का इश्के रसूल | Beutiful Islamic Story In हिंदी

हज़रत गंगोही रह० का इश्के रसूल | Beutiful Islamic Story In हिंदी
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हज़रत मौलाना रशीद अहमद गंगोही (रह०) फकीह-ए-वक्त थे एक आदमी हज से वापस आया और वहाँ से कुछ कपडे लाया उसने वह कपड़ा हज़रत रह० की ख़िदमत में पेश किया।

Islamic Story Hindi-हज़रत ने जब उस कपड़े को लिया तो उसे चूमते हुए अपने सर के ऊपर रख लिया जैसे कोई बड़ी इज्ज़त वाली चीज़ हो तलबा बैठे हुए थे उन्होंने अर्ज किया हज़रत यह तो फुलाँ मुल्क का कपड़ा है, मदीने के लोग ख़रीदकर आगे बेचते हैं फ़रमाया तसलीम करता हूँ कि यह मदीने का बना हुआ नहीं है मगर मैं तो इसलिए इसकी इज़्ज़त करता हूँ कि उसे मदीने की हवा लगी हुई है।

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Islamic Story Hindi-एक दफा एक आदमी हज से वापस आया और उसने तीन खजूरें हज़रत मौलाना रशीद अहमद गंगोही (रह०) की ख़िदमत में भेजीं आपको जब मिलीं तो अपनी हथेली पर वे खजूरें ऐसे रखीं जैस दुनिया  की सारी दौलत आपकी हथेली में सिमट आई हो। 

आपने एक शागिर्द को बुलाया और फरमाया कि हमारे जो क़रीबी मिलने जुलने वाले हैं ज़रा उनकी फहरिस्त तैयार कर देना उसने फहरिस्त बनाई तो पचास से ज़्यादा नाम हुए फ़रमाया इन तीनों खजूरों के इन नामों के बराबर हिस्से कर दो इसलिए उतने हिस्से किए गए। 

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Islamic Story Hindi-छोटे-छोटे हिस्से बने फरमाया कि एक एक हिस्सा मेरे एक एक दोस्त को दे दो ऐसा मालूम होता था कि जैसे कि हीरे और मोती आपके हाथ लग गए हैं जो अपने दोस्तों को पेश कर रहे हैं एक शागिर्द ने कहा हज़रत इतने छोटे हिस्से से क्या बनेगा उसकी यह बात सुनकर हज़रत का रंग सुर्ख़ हो गया और फरमाया, मदीने की खजूर हो और तूम उस हिस्से को छोटा कहो लिहाजा हजरत ने कई दिनों तक उस शागिर्द से बोलना छोड़ दिया।

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अस्सलामू अलैकुम