शेख अब्दुल वाहिद (रह०) और उनकी जन्नत की साथी | Beutiful Islamic Story In हिंदी

शेख अब्दुल वाहिद (रह०) और उनकी जन्नत की साथी | Beutiful Islamic Story In हिंदी
शेख अब्दुल वाहिद रह० और उनकी जन्नत की साथी

✍️ (Mohd Afzal)

शेख अब्दुल वाहिद (रह०) फरमाते है कि एक बार मैंने अल्लाह तआला से दुआ मांगी कि ऐ अल्लाह आप को जन्नत में जिसको मेरा साथी बनाना है दुनिया में ही मेरी उससे मुलाकात करा दीजिए। फ़रमाते हैं कि मुझे ख़्वाब में बताया गया कि हब्शा की रहने वाली एक औरत मैमूना है जो जन्नत में तुम्हारी साथी बनेगी। 

islamic story in hindi-लिहाजा मैं उस बस्ती की तरफ चल पड़ा। जाकर बस्ती वालों से पूछा तो उन्होंने कहा कि वह तो बकरियाँ चराती है और इस वक़्त बाहर कहीं बकरियाँ चरा रही होगी। फ़रमाते हैं कि मैं चल पड़ा। जब मैंने बस्ती से बाहर निकलकर देखा तो हैरान हुआ कि बकरियाँ एक ही जगह पर चर रही हैं और इधर उधर भागती भी नहीं हैं और एक औरत पेड़ के नीचे खड़ी नमाज़ पढ़ रही है। 

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islamic story in hindi-जब मैंने गौर किया तो मैंने देखा कि जहाँ बकरियाँ चर रही थीं वहाँ उस चारागाह के किनारे कुछ भेड़िए बैठे नज़र आए। उन भेड़ियों की वजह से वे बकरियाँ कहीं बाहर नहीं भाग रही थीं और एक जगह पर ही चर रही थीं। जब उस औरत ने सलाम फेरा और मुझे देखा तो कहने लगी अब्दुल वाहिद अल्लाह रब्बुलइज़्ज़त ने मुलाकात की वायदागाह तो जन्नत बनाई है तो फिर तुम दुनिया में कैसे आ गए ? 

islamic story in hindi-मैंने कहा कि मैंने दुआ मांगी थी जो अल्लाह रब्बुलइज्ज़त के यहाँ क़ुबूल हो गई। मगर अब मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूँ कि मैंने ऐसा मंज़र तो कभी नहीं देखा कि आप नमाज़ पढ़ रही थीं, बकरियाँ चर रही थीं और भेड़िए बैठे हुए थे और वे बकरियों को कुछ नहीं कह रहे थे। मुझे इसका राज़ समझ में नहीं आ रहा है। 

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islamic story in hindi-वह कहने लगीं अब्दुल वाहिद यह बात समझनी आसान है कि जिस दिन से मैंने अपने परवरदिगार से सुलह कर ली हैं उस दिन से भेड़ियों ने मेरी बकरियों से सुलह कर ली है। मालूम हुआ कि "फज़कुरूनी उज्कुरुकुम" का एक मलतब यह बना कि ऐ बंदो ! तुम मुझ से सुलह कर लो, मैं मख़्लूक की तुम्हारे साथ सुलह कर दूँगा

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अस्सलामू अलैकुम